मुरादाबाद की बात करें तो इसकी स्थापना 1600 ई में मुगल सम्राट शाहजहां के पुत्र मुराद ने की थी। इसका पहला नाम रुतम नगर था। आज इसे पीतल नगरी के नाम भी जाना जाता है। इसका कारण है यहां पर पीतल उत्पाद का विस्तार। यहां के पीतल उत्पाद अन्य देशों में निर्यात किए जाते हैं। यूं मानो कि पीतल कार्य उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की आर्थिक रीढ़ है। समय के साथ यहां काफी बदलाव आएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस पर काफी ध्यान दे रही है जिसके परिणामस्वरूप आज मुरादाबाद की गिनती स्मार्ट सिटी की सूची में होती है। अगर हम इसी तरक्की के साथ इसके बदलते हालात की बात करें तो, अब से 25 सालों बाद ये एक बिग स्मार्ट सिटी बन चुका होगा। यहां हर वो सुविधा होगी जिसे पाने के लिए आज का मनुष्य अन्य शहरों व राज्यों की ओर रुख करता है। शिक्षा की बात करें तो यहां हर उस विषय की पढ़ाई उपलब्ध होगी जिसके लिए विद्यार्थियों को बाहर जाना नहीं पड़ेगा। बढ़ते औद्योगिकरण को देखते हुए यहां का हर नागरिक रोजगार परख होगा। यहां वो सारी स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त समय व खर्च के साथ उपलब्ध होगी जिनके अभाव में लोग जीवन खो देते हैं। यहां पर्यटन के लिए काफी सुंदर और आकर्षक स्थल बन चुके होंगे। जोकि मुरादाबाद की सुन्दरता में चार चांद तो लगाएंगे ही साथ ही ये यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। इसके लिए विदेशी पर्यटक भी खूब बढ़चढकर आयेंगे। बढ़ती परिवहन सुविधाओं के साथ सफर भी सरल और सुलभ होगा।
Written by Anurag Basant Urf Elice